अंडा खाने के फायदे तो व्यापार से जुड़े लोग प्रसारित करते हैं परंतु कोई इसके दुष्प्रभावों की बात नहीं करता। आज इस आलेख में हम इसी विषय को गंभीरता के साथ चर्चा करने जा रहे हैं और वो भी वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर :
अंडा खाने के संबंध में कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत कुछ बिंदुओं की संक्षेप में व्याख्या है:
1. डॉ. वॉल्टर विलेट (हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ): “नियमित रूप से अंडे खाने से दिल के रोग और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम में वृद्धि हो सकती है क्योंकि इनमें उच्च कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त फैट होती है।”
2. डॉ. टी. कॉलिन कैंपबेल (कॉर्नेल विश्वविद्यालय): “अंडे मानव आहार में कोलेस्ट्रॉल की सबसे अधिक संकेंद्रित स्रोतों में से एक हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तरों का संबंध विभिन्न अवरोधी रोगों, जैसे हृदय रोग, के साथ जोड़ा गया है।”
3. डॉ. काल्डवेल एसलस्टीन (क्लीवलैंड क्लिनिक): “अंडे की पीली में पाए जाने वाला कोलेस्ट्रॉल माध्यमिकता का महत्वपूर्ण स्रोत है और यह हृदय रोग के आगे बढ़ने में सहायक हो सकता है, जो हृदय अटैक और स्ट्रोक की ओर ले जा सकता है।”
4. डॉ. नील बर्नार्ड (फिजिशियंस कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन): “अंडों में पाए जाने वाले संतृप्त फैट और कोलेस्ट्रॉल के कारण हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है और रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तरों को बढ़ा सकता है, खासकर मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों में।”
5. डॉ. माइकल ग्रेगर (न्यूट्रिशनफैक्ट्स.ऑर्ग): “अंडे के सेवन और कुछ कैंसरों, जैसे प्रोस्टेट, अंडाशय, और कोलोन कैंसर, के विकास के बीच सकारात्मक संबंध प्रदर्शित करने वाले अध्ययन हुए हैं, जो संभवतः उच्च कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त फैट के कारण हो सकते हैं।”
यहां यह महत्वपूर्ण है कि ये बयान इन वैज्ञानिकों के मत और दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करते हैं। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि आप अपनी विशेष स्वास्थ्य आवश्यकताओं और स्थितियों के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए एक हेल्थकेयर पेशेवर या पंजीकृत डाइटीशियन से परामर्श करें।
अंडा खाने के अनुशंसित मात्रा के संबंध में कुछ शोध प्रमाणों के आधार पर निम्नलिखित तरीके से असाधारण हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं:
1. अंडा एलर्जी: कुछ व्यक्ति अंडों के प्रति एलर्जी प्रतिक्रिया प्रदर्शित कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा की खुजली, पाचन संबंधी समस्याएं या गंभीर मामलों में एनाफिलैक्सिस (गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया) आ सकती है।
अंडा एलर्जी बच्चों में अधिक होती है और आमतौर पर वयस्कता के साथ बढ़ती है, लेकिन इसे सामान्यतः वयस्कों में संभवतः अस्थायी रूप से प्रभावित किया जा सकता है।
2. सैलमनेला संक्रमण: कभी-कभी अंडों में सैलमनेला बैक्टीरिया संक्रमित हो सकते हैं। यह संक्रमण गुर्दे और पेट की बीमारियों का कारण बन सकता है।
3. उच्च कोलेस्ट्रॉल: अब विज्ञान द्वारा साबित हुआ है कि अंडे में पाए जाने वाला आहारिक कोलेस्ट्रॉल कुछ व्यक्ति जिनमें डायबिटीज़ या परिवारिक हाइपरकोलेस्टरोलेमिया जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं, आहारिक कोलेस्ट्रॉल के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि खाद्य विकल्पों के प्रति व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं व्यक्ति के अनुकूल होती हैं। यदि आपके पास विशेष स्वास्थ्य समस्याएं हैं या आहार सीमाएं हैं, तो अपने डॉक्टर या पंजीकृत डाइटीशियन से व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए संपर्क करना उचित होगा।
यहां वे कारण एक-एक करके बताए गए हैं कुछ कारक जिनके कारण अंडे नहीं खाना चाहिए:
1. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा: अंडों में उच्च मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, जो रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। यह दिल संबंधी रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
2. संतृप्त फैट की मात्रा: अंडों में संतृप्त फैट (बैठा) होती है, जो दिल संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। इसका सेवन बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल स्तर, अधिक वजन और मेटाबोलिक सिंड्रोम के विकास के साथ जुड़ा हो सकता है।
3. जीवाणु संक्रमण का जोखिम: कच्चे या गले योग्य अंडों में संक्रमण के लिए बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं, जैसे सैलमोनेला और एशरिशिया कोलाइ। इसलिए, अंडे को पका हुआ और अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए ताकि किसी भी संभावित बैक्टीरिया को मार दिया जा सके।
4. अनिश्चित प्रतिक्रिया: कुछ लोगों में अंडे के सेवन से पेट में गैस, उलटी, दस्त, चिंता या त्वचा के अधिक उत्तेजना जैसी अनिश्चित प्रतिक्रिया हो सकती है।
5. संरचनात्मक परिवर्तन: अंडे में संरचनात्मक परिवर्तन हो सकते हैं, जो उन्हें खराब कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बना सकते हैं।
ध्यान दें कि यह कारण वैज्ञानिक एवं सामग्री पर आधारित हैं, हालांकि एक व्यक्ति के स्वास्थ्य और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हमेशा अपने चिकित्सक या पंजीकृत डाइटीशियन से अपने व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए सलाह लेना सुनिश्चित करें।
अंडा सेवन से होने वाले रोगों के विषय में कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक तथ्य
Allergy:
- Egg allergy is one of the most common food allergies, particularly in children. It is characterized by an immune response to proteins found in eggs.
- Source: “Egg Allergy: Clinical Manifestations, Diagnosis, and Treatment” – Journal of Allergy and Clinical Immunology – Link
Cholesterol and Heart Health:
- Eggs contain dietary cholesterol, and excessive consumption may increase blood cholesterol levels in some individuals. However, research suggests that dietary cholesterol has a limited impact on heart disease risk for most people.
- Source: “Dietary Cholesterol and Cardiovascular Risk: A Science Advisory From the American Heart Association” – Circulation – Link
Salmonella Contamination:
- Eggs can sometimes be contaminated with Salmonella, a bacteria that can cause foodborne illness. Adequate cooking and proper storage of eggs can minimize the risk.
- Source: “Salmonella and Eggs” – Centers for Disease Control and Prevention (CDC) – Link
Biotin Deficiency:
- Consuming raw egg whites in large quantities can interfere with biotin absorption, leading to biotin deficiency over time. Cooking the egg whites denatures the protein responsible for this interference.
- Source: “Biotin Metabolism in Humans” – Nutrients – Link
Gout:
- Eggs contain purines, which can be metabolized into uric acid. In individuals with gout, excessive uric acid can contribute to flare-ups. However, moderate egg consumption is generally well-tolerated in most people.
- Source: “Purine-Rich Foods, Dairy and Protein Intake, and the Risk of Gout in Men” – New England Journal of Medicine – Link
Please note that the effects mentioned above can vary among individuals, and it’s important to consult with a healthcare professional or registered dietitian for personalized advice.