Kidney Stone

किडनी स्टोन समस्या: वैज्ञानिक कारण, लक्षण, आयुर्वेद में उपचार

किडनी स्टोन समस्या एक ऐसी समस्या है जो एक व्यक्ति के शरीर की किडनी में पथरी या रसायनों की उत्पत्ति के कारण उत्पन्न होती है। यह समस्या दर्द और बदहजमी जैसी समस्याओं के कारण होती है। यह समस्या आमतौर पर आधुनिक जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों के कारण होती है। इस लेख में हम किडनी स्टोन समस्या के कारण, लक्षण, आयुर्वेद में उपचार और अन्य जानकारी के बारे में विस्तार से बताएंगे।

किडनी स्टोन समस्या के कारण

गुर्दे की पथरी होने का कोई ज्ञात कारण नहीं है। हालाँकि, कुछ स्थितियां इस विकार के विकास की संभावना को बढ़ा सकती हैं। गुर्दे की पथरी तब बन सकती है जब मूत्र में तरल पदार्थ की तुलना में कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड सहित अधिक क्रिस्टल बनाने वाले घटक शामिल होते हैं। कभी-कभी मूत्र में रसायनों की कमी होती है जो क्रिस्टल को आपस में चिपकने और गुर्दे की पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं

किडनी स्टोन समस्या का मुख्य कारण पानी की कमी और खाने का गलत तरीके से इस्तेमाल करना होता है। अधिकांश मामलों में, किडनी स्टोन तब उत्पन्न होती है जब शरीर में उत्तेजना या एसिडिटी की समस्या होती है। यह समस्या उपयोगकर्ता के खान-पान और जीवनशैली के कारण होती है।

किडनी स्टोन की जांच कैसे होती है ?

रक्त परीक्षण

रक्त परीक्षण आपके रक्त में कैल्शियम या यूरिक एसिड की अधिकता की पहचान कर सकते हैं। रक्त परीक्षण के परिणाम आपके डॉक्टर को आपके गुर्दे के स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद करते हैं और उन्हें अन्य चिकित्सा चिंताओं की जांच करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

मूत्र परीक्षण

इस टेस्ट में यूरिन की जांच की जाती है, जिसे 24 घंटे कलेक्ट किया जाता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि व्यक्ति या तो बहुत अधिक पत्थर बनाने वाले खनिजों का उत्सर्जन कर रहा है या पत्थर को रोकने वाले रसायनों की पर्याप्त मात्रा नहीं है। डॉक्टर इमेजिंग की सिफारिश कर सकता है
यूरिन इमेजिंग टेस्ट से किडनी स्टोन का पता चल सकता है।

इमेजिंग

यूरिन इमेजिंग टेस्ट से किडनी स्टोन का पता चल सकता है। उच्च गति या दोहरी ऊर्जा कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) का उपयोग करके सूक्ष्म पत्थरों का भी पता लगाया जा सकता है। साधारण उदरीय एक्स-रे का आमतौर पर कम उपयोग किया जाता है। गुर्दे की पथरी के निदान के लिए एक और इमेजिंग तकनीक अल्ट्रासाउंड है, जो एक गैर-आक्रामक, तीव्र और आसान परीक्षण है। इस परीक्षण के लिए लगातार दो दिनों में दो मूत्र के नमूने एकत्र करने में तेजी और आसान परीक्षण।

निकले हुए पत्थरों का विश्लेषण

पत्थरों को पकड़ने के लिए उन्हें एक छलनी के माध्यम से पेशाब करने की आवश्यकता हो सकती है। गुर्दे की पथरी के प्रकार को प्रयोगशाला जांच के माध्यम से जाना जाएगा और इससे कारण जानने और भविष्य में गुर्दे की पथरी को रोकने की योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

किडनी स्टोन कितने प्रकार के होते हैं :

कैल्शियम स्टोन (Calcium Stone)

अधिकांश गुर्दे की पथरी कैल्शियम की पथरी होती है, जिनमें से अधिकांश कैल्शियम ऑक्सालेट होती हैं। ऑक्सालेट एक रसायन है जिसे लीवर पैदा करता है या लोग अपने आहार के माध्यम से उपभोग करते हैं। कई फलों और सब्जियों के साथ-साथ नट्स और चॉकलेट में ऑक्सालेट का स्तर अधिक होता है।

स्ट्रुवाइट पत्थर (Struvite stones)

ये एक मूत्र पथ के संक्रमण के परिणामस्वरूप विकसित होते हैं। ये पत्थर तेजी से विकसित हो सकते हैं और न्यूनतम संकेत या चेतावनी के साथ काफी बड़े हो सकते हैं।

यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone)

जो लोग उच्च-प्रोटीन आहार का सेवन करते हैं, उन्हें मधुमेह या मेटाबोलिक सिंड्रोम है और जो पुराने डायरिया या कुअवशोषण के कारण बहुत अधिक तरल पदार्थ खो देते हैं, उनमें यूरिक एसिड की पथरी विकसित होने का खतरा होता है। कुछ अनुवांशिक कारक भी यूरिक एसिड पत्थरों के विकास की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।

सिस्टीन स्टोन (Cystine stones)

ये पथरी उन लोगों में बनती है जिन्हें सिस्टिनुरिया होता है, एक वंशानुगत स्थिति जिसमें गुर्दे कुछ अमीनो एसिड की अत्यधिक मात्रा का निर्वहन करते हैं।

किडनी स्टोन समस्या के लक्षण

किडनी स्टोन समस्या के लक्षण उनमें से कुछ हैं जो पीठ के निचले हिस्से के करीब दर्द, उल्टियाँ, मुंह सूखना, थकान और बुखार हो सकते हैं। कुछ लोगों को किडनी स्टोन समस्या होने के बाद पेशाब करने में भी तकलीफ होती है।

आयुर्वेद में किडनी स्टोन समस्या का उपचार

आयुर्वेद में किडनी स्टोन समस्या का उपचार प्राकृतिक तत्वों पर आधारित होता है। इस तरह के उपचार आपको किसी भी दवाई के सेवन की आवश्यकता से बचाते हैं।

पत्थरचट्टा

पत्थरचट्टा को किडनी स्टोन के उपचार के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प माना जाता है। यह पत्थरों को पिघलाकर शरीर से बाहर निकालता है। इसे नींबू पानी में मिलाकर लेना चाहिए।

श्वेत पर्णी

श्वेत पर्णी अगर सही ढंग से उपयोग की जाए तो किडनी स्टोन समस्या का उपचार करने में मदद करती है। इसे गांव में मिलने वाले श्वेत पर्णी के पत्तों को उबालकर लेना चाहिए।

जटमांसी

जटमांसी एक तेजी से उपचार करने वाला आयुर्वेदिक दवा होता है। इसे आप पाउडर या शिलाजीत के साथ ले सकते हैं।

गोक्षुर

गोक्षुर एक औषधि है जो किडनी स्टोन के इलाज में फायदेमंद होती है। यह मूत्र मार्ग की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और इससे शरीर में विषैले तत्वों के निकास को भी सुनिश्चित करता है।

गिलोय

गिलोय के रस में कई औषधीय गुण होते हैं, जो किडनी स्टोन के उपचार में मदद करते हैं। इसके रस को तुलसी और अदरक के साथ मिलाकर लेना चाहिए।

किडनी स्टोन समस्या से बचने के उपाय

किडनी स्टोन समस्या से बचने के लिए आपको निम्नलिखित उपायों का अनुसरण करना चाहिए:

पानी की मात्रा बढ़ाएं

अपनी दैनिक जीवनशैली में पानी की मात्रा बढ़ाएं। इससे आपके शरीर में मूत्र बनाने की मात्रा बढ़ेगी और किडनी स्टोन समस्या से बचने में मदद मिलेगी।

नमक और चीनी की मात्रा कम करें

नमक और चीनी की मात्रा को कम करना आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इससे शरीर में विषैले तत्वों की मात्रा कम होगी और किडनी स्टोन समस्या से बचाव होगा।

समय पर और सही खानपान करें

समय पर और सही खानपान करना बहुत जरूरी है। आपको नियमित खाने का समय बनाना चाहिए और खाने में तेल और मसाले की मात्रा कम करनी चाहिए।

सुबह उठकर गर्म पानी पीयें

सुबह उठकर गर्म पानी पीना भी किडनी स्टोन समस्या से बचने में मदद कर सकता है। गर्म पानी के साथ शहद और नींबू का रस मिलाकर पीना भी फायदेमंद होगा।

योग और प्राणायाम करें

योग और प्राणायाम करना आपके शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इससे आपकी सांसों की गति बढ़ेगी और शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ेगा।

संक्षेप में इस लेख में हमने किडनी स्टोन के विषय में बताया है। हमने इसके कारण, लक्षण, उपचार और समाधान के बारे में जानकारी दी है। हमने आयुर्वेदिक दवाओं और घरेलू नुस्खों के बारे में भी बताया है। इसके अलावा, हमने किडनी स्टोन समस्या से बचने के उपायों के बारे में भी जानकारी दी है।

आयुर्वेद के अनुसार, किडनी स्टोन समस्या ठीक होने में कुछ समय लग सकता है इसलिए आपको धैर्य रखना चाहिए। अगर इस समस्या से बचने के लिए उपरोक्त सुझावों का पालन किया जाए तो यह समस्या से बचने में मदद कर सकता है।

संदर्भ

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इस लेख में उपयोग किए गए संदर्भ और अध्ययनों की जानकारी आपको इस समस्या के बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकती है।

सामान्यतः, आयुर्वेद में किडनी स्टोन समस्या के उपचार के लिए घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। आपको समय पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उनके दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

इस लेख में आपको किडनी स्टोन समस्या के बारे में जानकारी और इस समस्या के उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया है। यदि आपके पास किडनी स्टोन समस्या है तो आपको इस समस्या का समय पर उपचार कराना चाहिए और संतुलित आहार लेना चाहिए।

ध्यान रखें कि इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। यह बाकी स्वास्थ्य सलाह के स्थान पर नहीं होता है और आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

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